
शिमला। लगातार भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश को सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा ग्रस्त राज्य घोषित कर दिया। विधानसभा में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने तक आपदा नियम लागू रहेंगे और उसके बाद यह नोटिफिकेशन वापस ले लिया जाएगा।
इससे पहले 28 अगस्त को विधानसभा में राज्य सरकार ने मानसून में आई प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसका विपक्ष ने भी समर्थन किया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि चंबा, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, मंडी, शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अब तक 3,056 करोड़ रुपये का प्रारंभिक नुकसान दर्ज किया गया है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों, पुलों और पेयजल योजनाओं को हुआ है।
मणिमहेश यात्रा के दौरान आई आपदा में 16 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। सरकार ने राहत-बचाव कार्य तेज कर दिए हैं और अब तक 3,297 श्रद्धालुओं को सुरक्षित भरमौर पहुंचाया गया है। जरूरतमंद यात्रियों को हेलीकॉप्टर से चंबा लाकर निशुल्क बसों में घर भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है और राज्य सरकार जनता को हर संभव राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है।







