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जापान के क्योर में आयोजित हुई चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला

मंडी के सुनीव मंढोत्रा समेत चार तटरक्षक जापान में सीख समुद्री चुनौतियों का सामना करने के गुर 


मंडी, 8 जून
, जैसे-जैसे समुद्री चुनौतियाँ विकसित होती जा रही हैं, मजबूत अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की आवश्यकता तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही है। एक साथ काम करके, भारतीय और जापान तटरक्षक खोज और बचाव अभियान, समुद्री कानून प्रवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसी आम चुनौतियों का बेहतर ढंग से समाधान कर सकते हैं। जापान के क्योर स्थित तटरक्षक अकादमी मे चली चार दिवसीय कार्यशाला में मंडी के सुनीव मंढोत्रा समेत देश के चार तटरक्षक समुद्री चुनौतियों से निपटने के गुर सीख रहे हैं। मंडी से संबंध रखने वाले किसी तटरक्षक के लिए यह एक बड़ा अवसर माना जा रहा है। मंडी शहर के साथ लगते जरल मलोरी के सेवानिवृत पुलिस अधिकारी ब्रहमदास का बेटा सुनीव मंढोत्रा इन दिनों तमिलनाडू में श्रीलंका की सीमा पर तटरक्षक अकादमी में कमांडेट के तौर पर कार्यरत हैं जबकि अन्य तीन गोताखोर देश के दूसरे हिस्सों में कार्यरत हैं। सुनीव मंढोत्रा ने इस कार्यशाला के समापन पर पर यह जानकारी सांझा करते हुए बताया कि भारतीय तट रक्षक और जापान तट रक्षक बचाव गोताखोर गोताखोरी कार्यशाला में सहयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि
समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के चार विशेषज्ञ गोताखोर अधिकारी जापान तटरक्षक (जेसीजी) द्वारा आयोजित बचाव गोताखोर गोताखोरी कार्यशाला में भाग ले रहे हैं। क्योर में जापान कोस्ट गार्ड अकादमी में 3 जून से 7 जून तक आयोजित हुई इस इस कार्यशाला का उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना, बचाव डाइविंग कौशल सेट को बेहतर बनाना और सुरक्षा प्रबंधन प्रशिक्षण को सुदृढ़ करना है। कार्यशाला भारतीय तटरक्षक बल और जापान तटरक्षक बल के बीच एक सहयोगात्मक व्यवस्था का हिस्सा है, जो मजबूत समुद्री संबंधों और सुरक्षित समुद्र सुनिश्चित करने के लिए .पारस्परिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सहयोग दोनों देशों के लिए उनके रणनीतिक स्थानों और भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के बढ़ते महत्व को देखते हुए महत्वपूर्ण है।
पांच दिवसीय कार्यशाला दोनों तट रक्षकों के अनुभवी गोताखोर अधिकारियों को उनकी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम में दोनों देशों के गोताखोरों को एक साथ लाई है। कार्यशाला के मुख्य उद्देश्यों में कार्यशाला में सैद्धांतिक सत्र और व्यावहारिक प्रशिक्षण अभ्यास का मिश्रण शामिल है। जापान तटरक्षक अकादमी के विशेषज्ञ प्रशिक्षक उन्नत तकनीकों, उपकरण संचालन और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल सहित बचाव गोताखोरी के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाले इंटरैक्टिव सत्रों का नेतृत्व किया है। इसका अब सीधा लाभ भारत में समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए मिल सकता है। सुनीव मंढोत्रा के परिजन अपने बेटे की इस उपलब्धि को लेकर बेहद उत्साहित व खुश हैं।

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