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एनटीपीसी कोल डैम पर्यावरण प्रबंधन समूह ने स्कूली बच्चों को करवाया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा

बच्चों ने अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जाना

बिलासपुर, एनटीपीसी कोल डैम पर्यावरण प्रबंधन समूह ने बीते वीरवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हरनोड़ा के 35 विद्यार्थियों व अध्यापकों के लिए एनटीपीसी टाउनशिप जमथल स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करवाया । इस अवसर पर पवन शर्मा क्षेत्रीय अधिकारी हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बिलासपुरए जेई (एचपीएसपीसीबी) अर्पण ठाकुर और वीरेंद्र विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने विद्यार्थियों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की कार्यप्रणाली और अपशिष्ट जल के पुनरू उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि अपशिष्ट जल एक प्रभावी वैकल्पिक जल आपूर्ति है। अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों से पानी का पुनः उपयोग पानी की कमी को दूर करने में मदद कर सकता है। यह पानी का एक सुरक्षित और अनुमानित स्रोत सुनिश्चित कर सकता हैए साथ ही जल निकायों पर दबाव कम कर सकता है और जलवायु परिवर्तन की संभावना को संतुलित कर सकता है। जलवायु परिवर्तन के कारण पानी की उपलब्धता में परिवर्तन हो रहा है, जिससे अधिक क्षेत्रों में इसकी कमी हो रही है। ग्लोबल वार्मिंग ने पहले से ही पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी की कमी पैदा कर दी है और कृषि सूखे का खतरा बढ़ा दिया है, जिससे फसल की पैदावार प्रभावित हुई है और पारिस्थितिकी तंत्र की भेद्यता बढ़ गई है। उचित उपचार के बाद पानी का पुनः उपयोग करने से इसका जीवन चक्र बढ़ जाता है, जिससे जल संसाधनों का संरक्षण होता है। पुनः प्राप्त पानी में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो आमतौर पर उर्वरकों में पाए जाते हैं। यदि पुनः प्राप्त पानी का उपयोग पौधों पर किया जाता है तो पौधे पुनः प्राप्त पानी में पोषक तत्वों का उपयोग कर सकते हैं।

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